योगासन को किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए यह व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ एक तरीका है जिस तरीकों को हम अपना कर एक अच्छा स्वास्थ्य पा सकते हैं तथा निरोगमुक्त हो सकते हैं ऐसे तरीकों को हम योगासन बोलते हैं यह शरीर की एक प्रकार की मुद्रा होती है जिस मुद्रा में हम बैठकर खड़े होकर करते है
योगा करना शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है यह हमारे शरीर को बहुत अधिक लचीला अर्थात फ्लैक्सिबल बना देता है तथा हम इससे बहुत सारी बीमारियों से बच सकते हैं |
व्यायाम का समय सुबह का माना गया है सुबह का वातावरण साफ एवं स्वच्छ होता है जिससे हम योगासन का पूरा लाभ उठा पाते हैं |
योगासन में बहुत अधिक मुद्राएं होती हैं जिनमें हर एक मुद्राओं का अलग अलग मतलब होता है तथा उन मुद्राओं को हम अपनाकर योगासन की स्थिति को तय करते हैं तथा हम निरोग मुक्त होते हैं |
हमें योगासन की सारी मुद्राओं के विषय में पता होना चाहिए व उनसे होने वाले लाभों की भी जानकारी होनी चाहिए |
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योगासन क्या है
जिस स्थिति में आसानी से बैठकर शरीर स्थिर रहे तथा शरीर एवं मन को सुख प्राप्त हो उसी को आसन कहते हैं |
योगासन शरीर के बाहरी तथा आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने की क्रियाएं हैं
योगासन , चतुर्मुखी विकास
योगासन से शरीर का चतुर्मुखी विकास होता है -
- बौद्धिक
- शारीरिक
- मानसिक
- आत्मिक
आसन के लिए प्रातः काल का समय सर्वोत्तम है |
आसन करते आसन करने से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें
- भूमि समतल हो |
- आसन को स्नान से पूर्व कर ले तो अच्छा है |
- आसन करने के कम से कम आधे घंटे पश्चात स्नान करें |
- एकांत व खुले स्थान पर आसन करें|
- वस्त्र कम से कम तथा ढीले पहने |
- शुरू में प्रत्येक आसन में थोड़ा कम समय दें |
- आसनों को किसी जानकार व्यक्ति के मार्गदर्शन में करना चाहिए |
- आसन के अंत में स्वसन करें |
आसन के कुछ प्रमुख प्रकार
- शीर्षासन
- मयूरासन
- सर्वांगासन
- स्वस्तिकासन
- उदाराकर्षण या शंखासन
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- भ्रामरी प्राणायाम
- गोमुखासन
- योगमुद्रासन
- अर्द्धमत्स्येन्द्रासन
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