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क्या है 5G नेटवर्क कैसे काम करता है 5G नेटवर्क

August 12, 2019 Add Comment

क्या है 5G नेटवर्क
What is 5G network

कैसे काम करता है 5G नेटवर्क 
How 5G Network Works

5G को लेकर क्यों लड़ रहे हैं दो देश
Why two countries are fighting over 5G

5G-Technology


दो देशों के बीच में 5G इंटरनेट नेटवर्क को लेकर हो रही है जंग आखिरकार क्या है ऐसी 5G टेक्नोलॉजी में जिससे दो देशों के बीच में हो रही है यह जंग |

मैं आपको बता दूं कि भारत में इस वक्त 4G इंटरनेट सेवा चल रही है जिस की स्पीड बहुत अधिक मानी जाती है लेकिन क्या आपको पता है कि 5G टेक्नोलॉजी दूसरे देशों में विकसित हो रही है और इसको लेकर बड़े दिक्कत देश चीन और अमेरिका आपस में लड़ रहे हैं आखिरकार ऐसा क्या है 5G टेक्नोलॉजी में |

सूत्रों की मानें तो भारत में 5G टेक्नोलॉजी 2025 तक आ सकती है लेकिन 5G को लेकर बड़े देश जो टेक्नोलॉजी में बहुत आगे हैं वह सबसे पहले 5G टेक्नोलॉजी को विकसित करना चाहते हैं
यही कारण है कि अमेरिका तथा चीन आपस में एक जंग जैसी स्थिति बन चुकी है 5G टेक्नोलॉजी को लेकर
आखिरकार ऐसा क्या है 5G में जिसे लेकर लड़ रहे यह दो देश मैं आपको बता दूं कि 5G 4G की तुलना में 150 गुना तेज स्पीड वाला है |
5G पर जंग का सबसे प्रमुख कारण यह है कि चाइना सबसे पहले 5G टेक्नोलॉजी को विकसित करना चाहता है तथा वे वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ को और अधिक मजबूत बना लेगा जिससे उसका वैश्विक बाजार में बहुत अधिक लाभ होगा |
अगर देखा जाए तो चाइना अमेरिका से 5G के मामले में आगे है तथा उसने 5G परिक्षण को शुरू कर लिया है जबकि अमेरिका इस काम के लिए अभी 5 जी नेटवर्क का निर्माण कर रहा है पता चाइना पर अनेक प्रकार के दबाव डाल रहा है |
यही कारण है कि चीन की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी Huawei 5G टेक्नोलॉजी को विकसित कर रही थी उस पर भारी दबाव बनाया गया |
अमेरिका सरकार ने गूगल एंड्राइड की मदद से Huawei की एंड्राइड की सेवा को खत्म कर दिया तथा उसके द्वारा किए जा रहे 5G टेक्नोलॉजी निर्माण प्रक्रिया पर रोक लगाने का एक भारी प्रयास किया Huawei चीन एक बहुत बड़ी कंपनी है जो कि एंड्रॉयड मोबाइल फोन बनाती है |
5G नेटवर्क को लेकर अब देखना यह होगा कि सबसे पहले कौन सा देश 5G नेटवर्क विकसित करता है तथा वैश्विक बाजार में अपनी छाप को छोड़ता है |
स्वाभाविक सी बात है कि जो भी देश 5G नेटवर्क को सबसे पहले विकसित कर लेता है उसकी वैश्विक बाजार में एक अच्छी पकड़ हो जाएगी तथा वैश्विक स्तर पर उसे अधिक वित्त लाभ मिलेगा|
5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी को अपने देश में विकसित करने के लिए बड़े-बड़े लाइन बिछाई जा रहे हैं तथा चाइना इस काम में सफल हो चुका है अब वह 5G की टेस्टिंग कर रहा है इसे देखते हुए विश्व की बड़ी बड़ी दिग्गज कंपनियों ने अपने मोबाइल फोन को 4G से 5G बनाने पर और अधिक जोर दे दिया है |

क्या है ऐसा 5G पर खास जानकर हो जाएंगे आप हैरान

  1. 5G 4G की तुलना में डेढ़ सौ गुना ज्यादा तेज स्पीड वाला नेटवर्क है |
  2. 4G नेटवर्क के द्वारा छोटे गैजेट ही यूज मे लाए जा सकते हैं जबकि 5G नेटवर्क से बड़े डिवाइसेज को कनेक्ट किया जा सकता है 5G नेटवर्क के द्वारा बिना ड्राइवर की कार को भी कनेक्ट किया जा सकता है जिससे दुर्घटना से बचा जा सकता है क्योंकि इसकी स्पीड 4G की तुलना में डेढ़ सौ गुनी ज्यादा है |
  3. 5G आने से VR ( Virtual Reality) और AR (Augmented Reality) को एक बेहतर तकनीक को मिलेगी होगी जिससे एंटरटेनमेंट और गेमिंग इंडस्ट्री में और भी संभावनाएं बढ़ेंगी |
  4. हम घर के सारे स्मार्ट गैजेट को 5G नेटवर्क से बड़ी आसानी से जोड़ सकते हैं या एक पावरफुल नेटवर्क है |
  5. 5G नेटवर्क की डाउनलोड स्पीड ज्यादा होने के कारण हम एक एचडी मूवी को महज 10 सेकंड में ही डाउनलोड कर सकते हैं जबकि 4G से हम यदि कोई एचडी मूवी डाउनलोड करते हैं तो 7 से 10 मिनट का समय लगता है|
5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी की एक नई परिभाषा लिखने जा रहा है लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि यह आपके जीवन की दिशा और दशा दोनों को बदल सकता है |

योगासन के  है बड़े फायदे योगासन से होता है शरीर का चतुर्मुखी विकास

योगासन के है बड़े फायदे योगासन से होता है शरीर का चतुर्मुखी विकास

July 22, 2019 Add Comment

योगासन को किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए यह व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ एक तरीका है जिस तरीकों को हम अपना कर एक अच्छा स्वास्थ्य पा सकते हैं तथा निरोगमुक्त हो सकते हैं ऐसे तरीकों को हम योगासन बोलते हैं यह शरीर की एक प्रकार की मुद्रा होती है जिस मुद्रा में हम बैठकर खड़े होकर करते है
योगा करना शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है यह हमारे शरीर को बहुत अधिक लचीला अर्थात फ्लैक्सिबल बना देता है तथा हम इससे बहुत सारी बीमारियों से बच सकते हैं |
व्यायाम का समय सुबह का माना गया है सुबह का वातावरण साफ एवं स्वच्छ होता है जिससे हम योगासन का पूरा लाभ उठा पाते हैं |
योगासन में बहुत अधिक मुद्राएं होती हैं जिनमें हर एक मुद्राओं का अलग अलग मतलब होता है तथा उन मुद्राओं को हम अपनाकर योगासन की स्थिति को तय करते हैं तथा हम निरोग मुक्त होते हैं |
हमें योगासन की सारी मुद्राओं के विषय में पता होना चाहिए व उनसे होने वाले लाभों की भी जानकारी होनी चाहिए |




योगासन क्या है

जिस स्थिति में आसानी से बैठकर शरीर स्थिर रहे तथा शरीर एवं मन को सुख प्राप्त हो उसी को आसन कहते हैं |
योगासन शरीर के बाहरी तथा आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने की क्रियाएं हैं


योगासन , चतुर्मुखी विकास

योगासन से शरीर का चतुर्मुखी विकास होता है -
  1. बौद्धिक
  2. शारीरिक
  3. मानसिक
  4. आत्मिक
आसन के लिए प्रातः काल का समय सर्वोत्तम है |

आसन करते आसन करने से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें

  1. भूमि समतल हो |
  2. आसन को स्नान से पूर्व कर ले तो अच्छा है |
  3. आसन करने के कम से कम आधे घंटे पश्चात स्नान करें |
  4. एकांत व खुले स्थान पर आसन करें|
  5. वस्त्र कम से कम तथा ढीले पहने |
  6. शुरू में प्रत्येक आसन में थोड़ा कम समय दें |
  7. आसनों को किसी जानकार व्यक्ति के मार्गदर्शन में करना चाहिए |
  8. आसन के अंत में स्वसन करें |

आसन के कुछ प्रमुख प्रकार

  1. शीर्षासन
  2. मयूरासन
  3. सर्वांगासन
  4. स्वस्तिकासन
  5. उदाराकर्षण या शंखासन
  6. अनुलोम-विलोम प्राणायाम
  7. भ्रामरी प्राणायाम
  8. गोमुखासन
  9. योगमुद्रासन
  10. अर्द्धमत्स्येन्द्रासन
Difference between Governance and Administration

Difference between Governance and Administration

May 25, 2019 Add Comment

शासन व प्रशासन में अंतर

Difference between Governance and Administration


  • शासन किसे कहते है ? 
  • प्रशासन किसे कहते है ?


शासन [Governance]


शासन सरकार के क्रियाकलापों से संबंधित होती है


हमारे भारत में मुख्यता तीन क्रियाकलापों के  द्वारा शासन का संचालन किया जाता है इस शासन के संचालन में यह तीन अंग अपने महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं जो कि निम्नलिखित हैं


  • व्यवस्थापिका
  • कार्यपालिका
  • न्यायपालिका

व्यवस्थापिका


व्यवस्थापिका का कार्य कानून को बनाना होता है |


कार्यपालिका


कार्यपालिका का कार्य नीति का निर्माण करना व बनाए गए कानून को राज्य में लागू करना होता है |


Note - व्यवस्थापिका तथा कार्यपालिका एक दूसरे के पूरक होते हैं |

न्यायपालिका


न्यायपालिका व्यवस्थापिका तथा कार्यपालिका से बिल्कुल अलग वह स्वतंत्र है | न्यायपालिका का मुख्य काम राज्यों के आपसी विवाद ,लोगों के विवादों व कानून के हो रहे उल्लंघन को देखना तथा अपने फैसले को सुनना अर्थात निर्णय लेना और सजा देना होता है |

Note - हमारे भारतीय संविधान में मीडिया को लोकतंत्र की चौथा स्तंभ कहते हैं |



प्रशासन [Administration]



प्रशासन जैसा कि आपने उपर्युक्त लेख में पड़ा कि शासन का काम कानून बनाना निर्णय लेना व नीतियों को बनाना होता है |
शासन का कार्य जहां से खत्म होता है वहां से प्रशासन का कार्य शुरू होता है |
शासन द्वारा किए गए कार्यों को प्रशासन के द्वारा उन कार्यों को जनता में लागू किया जाता है प्रशासन का काम होता है जनता के सामने उन कामों को लागू करना जो शासन के द्वारा लिए गए निर्णय वह बनाए गए कानून हो


सामान्य शब्दों में समझें तो प्रशासन का काम शासन के नीतिगत निर्णयो को धरातल में लागू करना प्रशासन का कार्य होता है


एक नजर - शासन व प्रशासन में अंतर



  • शासन का काम नीतिगत निर्णय लेना वह कानून बनाना  तथा प्रशासन का काम उन नीतिगत निर्णय व कानूनों को जनता के बीच में लागू करना |
  • शासन में बैठे व्यक्तियों को जनता के द्वारा निर्वाचित किया जाता है जबकि प्रशासन के व्यक्तियों को चयनित (प्रतियोगी परीक्षाओं के द्वारा) किया जाता है |
  • शासन राजनैतिक तत्व हैं जबकि प्रशासन गैर राजनीतिक तत्व है |


संत रविदास ( रैदास ) की 642 वां जयंती | 642th Jayanti of Saint Ravidas (Raidas) - 2019

February 19, 2019 Add Comment

संत रविदास ( रैदास ) की 642 वां जयंती  642th Jayanti of Saint Ravidas (Raidas) - 2019

संत रविदास ( रैदास ) जयंती 2019 #myargument

संत रविदास ( रैदास ) जयंती 2019


संत रविदास ( रैदास ) जयंती हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार - माघ महीने की पूर्णिमा पर मनाई जाती है यानी आज 19 फरवरी ( मंगलवार ) को रविदास जयंती है |
यह रविदास की 642 वां जयंती  है | जो प्रत्येक वर्ष उनके जन्मदिन पर मनाई जाती है |
संत रविदास का जन्म 1450 ईस्वी में वाराणसी के पास एक छोटे से गांव में हुआ |
संत रविदास हमारे भारत में महान संतों में से एक हैं जिन्होंने अपने विचार एवं दिव्य ज्ञान से समाज में  एक नई सोच जागृत की यह उच - नीच के विरोधक थे यह सब को समान मानते थे समाज में फैली अनेक बुराइयों के खिलाफ इन्होंने आवाज खड़ी की | अपने विचारों तथा दोहों से लोगों को प्रभावित किया और एक महान संत व दार्शनिक बन गए | 
संत रविदास भक्तिकाल समय के प्रमुख संतों में से एक हैं | मीराबाई संत रविदास की  शिष्या थी |

संत रविदास का जीवन परिचय


गुरू रविदास (रैदास) जी का जन्म वाराणसी के काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 या 1450 ईस्वी  को हुआ था।



How to Set Up Facebook's Comment Box Plugins in Your Blogger Website in Hindi

February 13, 2019 Add Comment

How to Set Up Facebook's Comment Box Plugins in Your Blogger Website in Hindi


Facebook Ke Comment Box plugin Apne Blogger Me Kaise Jode



फेसबुक ने वेबसाइटों और ब्लॉगों के लिए कई प्लगइन्स प्रदान किए हैं। हाल ही में फेसबुक के डेवलपर्स ने प्लगइन्स "फेसबुक कमेंट बॉक्स" जारी किया है। यह फेसबुक का एक अच्छा  प्लगइन है। इस फेसबुक कमेंट बॉक्स का उपयोग करके आपके ब्लॉगर और वेबसाइट उपयोगकर्ता या दर्शक आपकी पोस्ट पर टिप्पणी कर सकते हैं और उन टिप्पणियों को अपने फेसबुक कमेंट वॉल में स्वचालित रूप से साझा किया जाएगा

फेसबुक टिप्पणी बॉक्स आपके आगंतुकों को आसानी से पकड़ लेता है, इसलिए यह उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है जो सीधे व्यवस्थापक और अन्य आगंतुकों के साथ बातचीत करना चाहते हैं। मुझे पता है कि ऐसे कई लोग हैं जो अपने ब्लॉगर ब्लॉग, वर्डप्रेस ब्लॉग और कई अन्य साइट पर फेसबुक कमेंट बॉक्स जानना चाहते हैं। तो यह ट्यूटोरियल उनके लिए सबसे अच्छा समाधान हो सकता है। तो अब हम आपको ब्लॉगर ब्लॉग में फेसबुक के सिंपल कमेंट बॉक्स को जोड़ने का सुझाव देंगे। आपको चाहिए कि हर चीज की अपनी खूबियां और अवगुण हों। इसी तरह फेसबुक के इस कमेंट बॉक्स में इसके कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं।

सबसे पहले, यहां हम फेसबुक टिप्पणी बॉक्स के फायदों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।



हम सभी जाते हैं कि फेसबुक दुनिया का सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया है। वे हमेशा लोगों की सेवा करने और फेसबुक पर अधिक आगंतुकों को पकड़ने के लिए नई सुविधाओं का परिचय देते हैं। इसलिए फेसबुक कमेंट बॉक्स उनकी लोकप्रिय विशेषता में से एक है।
जब कुछ लोग पसंद करते हैं और उनकी टिप्पणी का जवाब देते हैं। उपयोगकर्ता को सूचना दिखाई देती है। और यह भी कई टिप्पणी सुविधाएँ प्रदान करता है।
ब्लॉगर में फेसबुक टिप्पणी बॉक्स का मुख्य नुकसान यह है कि Google कभी भी फेसबुक टिप्पणी को क्रॉल नहीं करती है, इसलिए ये टिप्पणी अनुकूलन के दृष्टिकोण में उपयोगी नहीं हो सकती है।
आप यहाँ अपने ब्लॉगर ब्लॉग में इस टिप्पणी बॉक्स को लगाने के लिए यहाँ दो तरीके खोज रहे हैं। दोनों बहुत उपयोगी हैं, लेकिन पुराने ब्लॉग के कुछ टेम्प्लेट मेथड 1 में काम नहीं कर सकते हैं। इसलिए मैं आपको अपने ब्लॉग में काम करने वाले तरीकों का उपयोग करने की सलाह देता हूं।
यह आपके ब्लॉग और साइटों पर अधिक आगंतुक बनाने के लिए सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली तकनीकों में से एक है।

Step -1
यह शुरुआत की बात है कि आपको वह करना चाहिए जो आप फेसबुक डेवलपर द्वारा आसानी से कर सकते हैं।
👉सबसे पहले आपको अपने फेसबुक में लॉगिन करना चाहिए |
👉उसके बाद Visit http://developers.facebook.com पर क्लिक करें।




👉इसके बाद Create New App पर क्लिक करें
👉और उनका पॉप रूप दिखाई देता है। उस फॉर्म को भरें।

👉फिर उस कैप्चा को भरें।
👉फिर ऐप आईडी को अपने नोटपैड में कॉपी करें, आगे के चरणों में इसकी आवश्यकता है।


Step -2

अब ब्लॉगर ब्लॉग में फेसबुक टिप्पणी को स्थापित करने देता है अपने फेसबुक डैशबोर्ड में लॉगिन करना आवश्यक है।

👉फिर टेम्प्लेट टैब पर जाएं और एडिट html पर क्लिक करें।
उसके बाद निम्नलिखित कोड खोजें। यह कोड हर <head......> ब्लॉगर की पहली पंक्ति में है,
इसलिए आप इसे आसानी से पा सकते हैं।
👉फिर, बस नीचे दिए गए दिखाए गए कोड के बाद निम्नलिखित
xmlns: og = 'http: //ogp.me/ns#' कोड पेस्ट करें।
जब आप इस कोड को जोड़ते हैं तो html संरचना दिखती है |



👉अब <body टैग ढूंढें और उसके बाद दिए गए कोड को पेस्ट करें



👉अब आप AppId के नीचे अपना AppId बदलें या जोड़ें जो अपने नोट किया था । आपने अपना ब्लॉग का नाम My Argument में और अपने फेसबुक पेज का यूआरएल https://www.facebook.com/myargument.in में डाला। अब मेटा टैग जोड़ने की जरूरत है।
बस </ head> ढूंढें और </ head> के ऊपर निम्नलिखित कोड पेस्ट करें |


Step -3

ब्लॉगर ब्लॉग में टिप्पणी बॉक्स आखिर में आपको ब्लॉग में कमेंट बॉक्स संरचना डालनी चाहिए।
👉ब्लॉगर टेम्पलेट के एडिट html में जाकर इस कोड को find करे

                       या 


यदि इन दोनों में कोई भी Find हो जाये तो बस आपको नीचे दिए कोड को पेस्ट करना है |



अब आपने अपने फेसबुक कमेंट बॉक्स को सफलतापूर्वक जोड़ लिया है।

नोट: अपने फेसबुक यूआरएल द्वारा myargument बदलें। यदि आप टिप्पणी की चौड़ाई बदलना चाहते हैं, तो बस चौड़ाई बदलें।
धन्यवाद 

Valentine's Day Week message , wishes , image card

February 06, 2019 Add Comment

Valentine's Day Week Celebration | Valentine's Day Week Messages, Wishes, Image Card



प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है इस दिन प्रेमी जोड़े अपने पार्टनर के साथ फूल , चॉकलेट , गिफ्ट्स और टेडी बियर देते हैं और इस प्यार के रिश्ते का जश्न मनाते हैं |





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वैलेंटाइन डे का पूरा इतिहास


Valentine's Day Week Celebration | Valentine's Day Week Messages, Wishes, Image Card


14 फरवरी से पहले पूरे सप्ताह वेलेंटाइन डे वीक सेलिब्रेट किया जाता है जैसे - रोज डे , प्रपोज डे ,चॉकलेट डे, टेडी डे इत्यादि इस 7 दिनों के बाद 8 में दिन वैलेंटाइन डे मनाया जाता है वेलेंटाइन डे दुनिया भर में मनाया जाता है यह दिन पूरे विश्व के लिए खास दिन होता है और इस खास मौके में लोग खास तरीकों से अपने पार्टनर को सेलिब्रेट करते हैं के साथ सेलिब्रेट करते हैं |

Valentine Day Week - Celebration Day


वैलेंटाइन डे के इन दिनों का क्या है मतलब (What is the meaning of these days of valentine day?)

वेलेंटाइन डे सप्ताह का पहला दिन(Valentine's Day The first day of the week)

7 फरवरी रोज डे | 7th February Rose Day


वैलेंटाइन डे का पहला दिन रोज डे होता है इस दिन कपल्स एक - दुसरे को रोज देते है इस दिन रोज आप किसी को भी दे सकते है जैसे अपने पिता, माँ , पत्नी , पति, दोस्त व अन्य संबंधियों को रोज(Rose) दे सकते है तथा उनके साथ रोज डे मना सकते है |




👉देखें  : Valentine's Day : Rose Day 2019  Images Message Wishes Shayari 



वेलेंटाइन डे सप्ताह का दूसरा दिन(Valentine's Day The second day of the week)



8 फरवरी प्रपोश डे | 8th February Propose Day



वैलेंटाइन डे का दूसरा दिन प्रपोश डे होता है प्रेमी प्रेमिका अपनी    फीलिंग्स और प्यार का इज़हार करता  है. इसके लिए अपने पार्टनर की आंखों में आंखें डालकर उनसे अपने मन की बात कही जाती है. लेकिन आजकल लोग यह भी facebook , whatsapp message या फोन पर कॉल या मैसेज के जरिए ही उन्हें प्रपोज़ कर रहे हैं |



👉देखें : Valentine's Day : propose day 2019 messages shayari wishes and images


वेलेंटाइन डे सप्ताह का तीसरा दिन(Third day of valentine's day)



9 फरवरी चॉकलेट डे | 9th February Chocolate day



वैलेंटाइन डे का तीसरा दिन चॉकलेट डे होता है इस दिन पार्टनर्स एक दूसरे को चॉकलेट देते हैं या कहे की एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते हैं आजकल तो कई ऑनलाइन चॉकलेट शॉप उपलब्ध है जो घर बैठे गिफ्ट के तौर पर चॉकलेट भिजवाते हैं |


वेलेंटाइन डे सप्ताह का चौथा दिन(The fourth day of Valentine's Day)



10 फरवरी टेडी डे | 10th February Teddy Day

वेलेंटाइन डे सप्ताह का चौथा दिन टेडी डे होता है इस दिन कपल्स एक दूसरे को टेडी वियर भेंट करते हैं | आजकल लोग ऑनलाइन टेडी बियर गिफ्ट भेजते हैं |


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👉देखें : Valentine's Day : Happy Teddy Day 2019 - Shayari Messages Wishes and Images


वेलेंटाइन डे सप्ताह का पांचवा दिन(The fifth day of Valentine's Day)



11 फरवरी प्रॉमिस डे | 11th February Promise Day

वेलेंटाइन डे सप्ताह का पांचवा दिन है प्रॉमिस डे होता है . इस दिन कपल्स एक-दूसरे को हमेशा साथ निभाने का वादा करते हैं. इसके अलावा भी वो हमेशा प्यार करने,  एक-दूसरे के साथ ज़िंदगी भर खुश रहने और एक-दूसरे को  कभी ना धोखा देने का प्रॉमिस करते हैं |

वेलेंटाइन डे सप्ताह का छठवां दिन( The sixth day of Valentine's Day)


12 फरवरी हग डे | 12th February Hug day



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वेलेंटाइन डे सप्ताह का तीसरा दिन छठवां दिन हग डे होता है इस दिन पार्टनर एक दूसरे को गले लगाते हैं यह काम आप ऑनलाइन नहीं कर सकते हैं इसके लिए  एक दूसरे का साथ होना जरूरी होता है | 


वेलेंटाइन डे सप्ताह का सातवां दिन( Seventh day of Valentine's Day)



13 फरवरी किस डे | 13th February Kiss Day



वेलेंटाइन डे सप्ताह का सातवां दिन किस डे होता है इस दिन पार्टनर के साथ आपको होना जरूरी होता है |


वेलेंटाइन डे सप्ताह का अंतिम दिन ( The last day of Valentine's Day)




14 फरवरी वेलेंटाइन डे | 14th February Valentine's Day



वैलेंटाइन डे(Valentine's Day) - वैलेंटाइन डे के इस आखिरी दिन बाद सेलिब्रेट किया जाता है . जो कि प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को मनाते हैं.




Valentine's Day क्यों मनाते है | प्रेमी जोड़ो के लिए क्यों खास है वेलेंटाइन डे |

February 05, 2019 Add Comment

हैप्पी वैलेंटाइन डे | Valentine's Day क्यों मनाते है



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रवरी लंबे समय से रोमांस का महीना रहा है। यह वेलेंटाइन डे (Valentine Day) मनाने से जुड़ा महीना है। कहा जाता है की यह पर्व  संत वेलेंटाइन(Valentine) के नाम पर मनाया जाता है |


लेकिन ….


  • यह संत  वेलेंटाइन कौन है?
  • यह महीना प्यार और रोमांस से क्यों जुड़ा है? 
  • संत वैलेंटाइन के बारे में जानें, 
  • वैलेंटाइन्स दिवस कैसे आज के रूप में प्रचलन में आया।
  • प्रेमी जोड़ो के लिए क्यों खास है वेलेंटाइन डे |



आज हम इन सब विषयों में बात करेगे |


प्रेमियों के लिए प्यार व उपहार का महीना है फरवरी



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हर साल फरवरी महीने के चौदहवें दिन दुनिया भर में लाखों लोग अपने प्रियजनों को कैंडी, फूल, चॉकलेट और अन्य प्यारे उपहार भेंट करते हैं। कई देशों में, रेस्तरां और भोजनालयों को ऐसे जोड़ों से भरा हुआ देखा जाता है, जो अपने रिश्ते को मनाने के लिए उत्सुक होते हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों के माध्यम से अपने उत्साह की खुशी मनाते हैं। शायद ही कोई युवक या युवती ऐसा लगता है जो दिन का सबसे अधिक समय लेने के लिए उत्सुक न हो।

वैसे तो वैलेंटाइन डे मनाने को लेकर बहुत सारी  किंवदंतियां है | पर उन सब में एक बहुत लोकप्रिय किंवदंती है आज बात करेगे उसी किंवदंती के विषय में --


वेलेंटाइन डे का  इतिहास


इस प्रेमी दिवस की उत्पत्ति 270 ईस्वी पूर्व के रूप में होती है और एक विनम्र पुजारी और एक शक्तिशाली शासक के बीच संघर्ष शुरू हुआ। अधिक जानने के लिए, बस इस त्योहार के सही अर्थ को पढ़ें और खोजें। यदि आप वेलेंटाइन डे के शानदार इतिहास के बारे में हमारे छोटे लेख को पसंद करते हैं, तो बस इस पृष्ठ को अपने मित्रों और प्रियजनों को भेजे । आपको एक हैप्पी वेलेंटाइन की शुभकामनाएं!


इन सबके पीछे कारण है एक दयालु पादरी जिसका नाम वेलेंटाइन है | यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि 14 फरवरी को वेलेंटाइन दिवस के रूप में क्यों जाना जाता है या यदि महान वेलेंटाइन का वास्तव में इस दिन से कोई संबंध है। वेलेंटाइन डे का इतिहास किसी भी संग्रह से प्राप्त करना असंभव है | यह केवल कुछ किंवदंतियां हैं जो वेलेंटाइन डे के इतिहास के लिए हमारा स्रोत हैं।


👉देखें : Valentine's Day Week Messages, Wishes, Image Card


कैथोलिक विश्वकोश के अनुसार, वेलेंटाइन नाम से कम से कम तीन शुरुआती ईसाई संत थे। जबकि एक रोम में एक पुजारी था, दूसरा टर्नी में एक बिशप था। तीसरे संत वेलेंटाइन के बारे में कुछ भी नहीं पता है सिवाय इसके कि वह अफ्रीका में अपने अंत से मिले। हैरानी की बात है कि उन तीनों को 14 फरवरी को शहीद कर दिया गया था।
यह स्पष्ट है कि पोप गेलैसियस का इरादा इन तीनों उपरोक्त पुरुषों में से पहले का सम्मान करना था। अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि यह संत वेलेंटाइन एक पुजारी था जो रोम में 270 ईस्वी के आसपास रहता था और रोमन सम्राट क्लॉडियस II के उत्साह को आकर्षित करता था जिन्होंने इस समय के दौरान शासन किया था।


सेंट वेलेंटाइन की कहानी के दो अलग-अलग संस्करण हैं - प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक एक। दोनों संस्करण संत वैलेंटाइन के बिशप होने पर सहमत हैं, जिन्होंने क्लॉडियस द्वितीय के विरोध में सैनिकों के गुप्त विवाह समारोह आयोजित किए थे, जिन्होंने युवा पुरुषों के लिए शादी को निषिद्ध कर दिया था और बाद के लोगों द्वारा निष्पादित किया गया था। वेलेंटाइन के जीवनकाल के दौरान, रोमन साम्राज्य का स्वर्ण युग लगभग समाप्त हो गया था। गुणवत्ता प्रशासकों की कमी के कारण अक्सर नागरिक संघर्ष होते थे। शिक्षा में गिरावट आई, कराधान में वृद्धि हुई और व्यापार में बहुत बुरा समय देखा गया। रोमन साम्राज्य को उत्तरी यूरोप और एशिया के गल्स, स्लाव, हूण, तुर्क और मंगोलियाई लोगों से हर तरफ से संकट का सामना करना पड़ा। मौजूदा आक्रमणों के साथ बाहरी आक्रमण और आंतरिक अराजकता से बचने के लिए साम्राज्य बहुत बड़ा हो गया था। सहज रूप में, राष्ट्र को अधिग्रहण से बचाने के लिए अधिक से अधिक सक्षम पुरुषों को सैनिकों और अधिकारियों के रूप में भर्ती किया जाना आवश्यक था। जब क्लॉडियस सम्राट बन गया, तो उसने महसूस किया कि विवाहित पुरुष अपने परिवारों से अधिक भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, और इस प्रकार, अच्छे सैनिक नहीं बनेंगे। उनका मानना ​​था कि शादी ने पुरुषों को कमजोर बना दिया। इसलिए उन्होंने गुणवत्ता वाले सैनिकों को आश्वस्त करने के लिए एक शादी का निषेध जारी किया।


शादी पर प्रतिबंध रोमनों के लिए एक बड़ा झटका था। लेकिन उन्होंने वीर सम्राट के विरोध में आवाज नहीं उठाई।

दयालु बिशप वेलेंटाइन को भी क्लॉडियस के अन्याय का एहसास हुआ। उन्होंने युवा प्रेमियों के आघात को देखा जिन्होंने शादी में एकजुट होने की सभी उम्मीदें छोड़ दीं। उसने गोपनीयता में नरेश के आदेशों का मुकाबला करने की योजना बनाई। जब भी प्रेमियों ने शादी करने के बारे में सोचा, तो वे वेलेंटाइन के पास गए, जो बाद में उनसे एक गुप्त स्थान पर मिले, और विवाह के संस्कार में शामिल हुए। और इस प्रकार उन्होंने युवा प्रेमियों के लिए गुप्त रूप से कई शादियाँ कीं। लेकिन ऐसी चीजें लंबे समय तक छिपी नहीं रह सकती हैं। कुछ समय पहले ही क्लॉडियस को इस "प्रेमियों के दोस्त" के बारे में पता चला था, और उसे गिरफ्तार कर लिया था।
जेल में अपनी सजा का इंतजार करते हुए, वेलेंटाइन को अपने जेलर, एस्टेरियस द्वारा संपर्क किया गया था। यह कहा गया था कि वेलेंटाइन में कुछ संत योग्यताएँ थीं और उनमें से एक ने उसे लोगों को चंगा करने की शक्ति दी। एस्टेरियस की एक नेत्रहीन बेटी थी और वेलेंटाइन की चमत्कारी शक्तियों के बारे में जानते हुए उसने बाद में अपनी अंधी बेटी की दृष्टि को बहाल करने का अनुरोध किया। कैथोलिक किंवदंती है कि वेलेंटाइन ने अपने मजबूत विश्वास के वाहन के माध्यम से ऐसा किया, एक घटना जिसे प्रोटेस्टेंट संस्करण द्वारा मना कर दिया गया जो कैथोलिक के साथ अन्यथा सहमत है। तथ्य जो भी हो, ऐसा प्रतीत होता है


जब क्लॉडियस II वेलेंटाइन से मिला, तो कहा गया कि वह बाद की गरिमा और दृढ़ विश्वास से प्रभावित था। हालांकि, वेलेंटाइन ने शादी पर प्रतिबंध के संबंध में सम्राट से सहमत होने से इनकार कर दिया। यह भी कहा जाता है कि सम्राट ने वेलेंटाइन को रोमन देवताओं में बदलने की कोशिश की थी लेकिन वह अपने प्रयासों में असफल था। वेलेंटाइन ने रोमन देवताओं को पहचानने से इनकार कर दिया और यहां तक ​​कि पूरी तरह से परिणाम जानने के बाद सम्राट को बदलने का प्रयास किया। इसने क्लाउडियस द्वितीय को नाराज किया जिसने वेलेंटाइन के निष्पादन का आदेश दिया।


इस बीच, वेलेंटाइन और एस्टेरियस की बेटी के बीच गहरी दोस्ती हो गई थी।
इस युवा लड़की ने  अपने दोस्त की आसन्न मौत के बारे में सुना। ऐसा कहा जाता है कि अपने वध से ठीक पहले, वेलेंटाइन ने अपने जेलर से एक कलम और कागज माँगा, और उससे "एक बार अपने वेलेंटाइन से" एक संदेश पर हस्ताक्षर करवाया, जो एक ऐसा वाक्यांश था जो कभी भी रहता था। एक अन्य किंवदंती के अनुसार, वेलेंटाइन को अपने कारावास के दौरान अपने जेलर की बेटी से प्यार हो गया। हालांकि, इस किंवदंती को इतिहासकारों द्वारा ज्यादा महत्व नहीं दिया गया है। सेंट वेलेंटाइन के आसपास सबसे प्रशंसनीय कहानी एक इरोस (भावुक प्रेम) पर केंद्रित नहीं है, लेकिन एगैप (ईसाई प्रेम) पर आधारित है: वह अपने धर्म को त्यागने से इनकार करने के लिए शहीद हो गया था। माना जाता है कि वेलेंटाइन को 14 फरवरी 270 ईस्वी को अंजाम दिया गया था।


इस प्रकार 14 फरवरी सभी प्रेमियों के लिए एक दिन बन गया और वेलेंटाइन इसका संरक्षक संत बन गया। यह युवा रोमनों द्वारा वार्षिक रूप से मनाया जाने लगा, जिन्होंने वैलेंटाइन के रूप में पहचाने जाने वाले स्नेह के हस्तलिखित अभिवादन की पेशकश की, इस दिन वे महिलाओं की प्रशंसा करते थे। ईसाई धर्म के आने के साथ, दिन को वेलेंटाइन दिवस के रूप में जाना जाने लगा।


लेकिन यह केवल 14 वीं शताब्दी के दौरान था कि सेंट वेलेंटाइन डे प्यार से निश्चित रूप से जुड़ा हुआ था। मध्ययुगीन विद्वान हेनरी अंसार केली, "चॉसर एंड द कल्ट ऑफ़ संत वेलेंटाइन" के लेखक, चॉसर को उस व्यक्ति के रूप में श्रेय देते हैं जिन्होंने पहली बार संत वेलेंटाइन डे को रोमांस से जोड़ा था। मध्ययुगीन फ्रांस और इंग्लैंड में यह माना जाता था कि पक्षी 14 फरवरी को आते थे। इसलिए, चौसर ने पक्षियों की छवि को प्रेमियों के प्रतीक के रूप में दिन के लिए समर्पित किया। चौसर की "द पार्लियामेंट ऑफ फाउल्स" में शाही सगाई, पक्षियों का संभोग का मौसम और सेंट वेलेंटाइन डे संबंधित हैं:
क्लाउडियो 2
मध्य युग तक, वेलेंटाइन इंग्लैंड और फ्रांस में सबसे लोकप्रिय संतों में से एक बन गया। ईसाई चर्च द्वारा अवकाश को पवित्र करने के प्रयासों के बावजूद, वेलेंटाइन डे का संबंध मध्य युग के दौरान रोमांस और प्रेमालाप के साथ जारी रहा। छुट्टी सदियों में विकसित हुई। 18 वीं शताब्दी तक, वेलेंटाइन डे पर उपहार देने और हाथ से बने कार्ड का आदान-प्रदान इंग्लैंड में आम हो गया था। हाथ से बने वेलेंटाइन कार्ड, फीता, रिबन और विशेषता वाले कपडे और दिल इस दिन बनाए जाने लगे और एक प्यार करने वाले व्यक्ति या महिला को सौंप दिया गया। यह परंपरा अंततः अमेरिकी उपनिवेशों में फैल गई। यह 1840 के दशक तक नहीं था कि वेलेंटाइन डे ग्रीटिंग कार्ड का व्यावसायिक रूप से अमेरिका में उत्पादन होना शुरू हुआ था, एस्टर ए द्वारा पहले अमेरिकी वेलेंटाइन डे ग्रीटिंग कार्ड बनाए गए थे
आज, वेलेंटाइन डे अमेरिका में प्रमुख छुट्टियों में से एक है और एक तेजी से बढ़ती व्यावसायिक सफलता बन गई है। ग्रीटिंग कार्ड एसोसिएशन के अनुसार, प्रत्येक वर्ष भेजे गए सभी कार्डों में से 25% "वेलेंटाइन" हैं। वैलेंटाइन डे कार्ड के रूप में "वैलेंटाइन" के रूप में जाना जाता है, अक्सर प्यार का प्रतीक होने के लिए दिलों के साथ डिज़ाइन किया जाता है। वेलेंटाइन डे कार्ड ईसाई धर्म के साथ फैला, और अब पूरी दुनिया में मनाया जाता है।

सबसे शुरुआती वैलेंटाइन में से एक को 1415 ई। में चार्ल्स, ड्यूक ऑफ ऑरलियन्स ने अपनी पत्नी के साथ लंदन के टॉवर में कैद के दौरान भेजा था। कार्ड अब ब्रिटिश संग्रहालय में संरक्षित है।