हम क्यों इतना रंग जाते हैं | हिंदी कविता संग्रह | Best Poetry - Ham Kyu Itna Rang Jate Hai

November 05, 2018

Poetry - Ham kyu itna rang jate hai 

कविता - हम क्यों इतना रंग जाते हैं 

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रंगों की इस वर्षा में , 

रंग कर हम क्यों हम रोते है | 
सपनो के इस संग में ,  
सपनो को क्यों ठुकराते है ||
फिर सपनों के इस मोड़ को ,
          हम पीछा क्यों छोड़ देते हैं |
यादों की इस लहरों में
         हम इतना क्यों खो जाते हैं
फिर यादों की इस रंग में
           हम इतना तो रंग जाते हैं||
यादों के इस संसार को ,
    हम चाह कर भी क्यों नहीं छोड़ पाते हैं |
फिर भी जीवन के संग को ,
        छोड़ कर भी हम क्यों नहीं तोड़  पाते हैं ||

By Vijay Kumar (Admin)


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