छन्द | लिख बे सिर पैर की | धर्म के नाम पर अंधविश्वास करना अच्छा नहीं है |

November 08, 2018

     छन्द | Verses



लिख  बे सिर पैर की ,
कियो जग को अचरज |
खुद तो अंधा होकर लिखा ,
कियो अब जग को अंधा ||

myargument.in




अर्थ - वह लेख जो बिना सिर व पैर का हो अर्थात् मनगढ़ंत कहानियां जिसका कोई तर्क ना हो जो दुनिया को हैरानी में डाल रहा हो  , उससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है कि उसे लोग आंख बंद करके उसे बड़ी आस्था से मान रहे हैं जो लेख बिना तर्क व सिधांत के लिखा गया है | 


तर्क - दोस्तों ऐसे मनगढ़ंत लेख केवल मनोरंजन के लिए ही होते हैं इनको अपने जीवन से व धर्म तथा आस्था से ना जोड़ें धर्म के नाम पर अंधविश्वास करना अच्छा नहीं है |


Vijay

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