जब मैंने देखा इस संसार को | हिंदी कविता संग्रह

December 09, 2018

जब मैंने देखा इस संसार को



myargument.in
जब मैंने देखा इस संसार को ,
जग कर रहा है पीछा इस वैभव का |
वो नर हो या नारी ,
ये दुनिया कैसी हमारी  -२ ||


इस सुख कि आड़ पर,
न चैन है न सांत्वना |
बस सब पर है एक मायूसी ,
अब ये अपनों  से भी करते है कंजूसी ||


दुनिया में अब ऐसे भी है लोग ,
वैभव के चक्कर में ,
मौत से भी लेते है  टक्कर |
जीवन के हर एक एक पग पर,
बैठे है इतने ठग ,
कि इनसे बच न पाया जग ||


जब मैंने देखा इस संसार को ,

जग कर रहा है पीछा इस वैभव का |
वो नर हो या नारी ,
ये दुनिया कैसी हमारी  -२ |




-VijayKumar










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