26 January Republic Day Speech In Hindi 2019 | 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण 2019

January 25, 2019

26 January Republic Day Speech In Hindi 2019 || 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण 2019 ||


myargument

हेलो .. दोस्तो ! My Argument की तरफ से गणतंत्र दिवस के 70 वें  वर्षगांठ में आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं.......





26 जनवरी 1950 यह वह दिन था,  जिसके लिये हमारा देश , हमारा समाज सदियों से संघर्ष कर रहा था वह स्वतंत्रता , वह आजादी हमें शायद हजारों वर्षों बाद मिली थी | वैसे राजनीतिक लड़ाई यूं तो बहुत लड़ी गई पर जो यह 1900 से 1950 के बीच का दौर था , तब मुझे लगता है , सबसे बड़ी सामाजिक लड़ाई लड़ी गई , यह वह दौर था जब राजनीतिक व सामाजिक लड़ाइयां दोनों एक साथ लड़ी गई ,शायद इसी इतनी बड़ी सामाजिक लड़ाई के बाद हमारा एक विशाल देश  बन पाया जो  इतनी सारी विविधताओं से भरा है , एक पल के लिए जहां लोग भूल जाते हैं , कि हम सच में ‘हम एक ही देश के वासी हैं ‘भारतीय संविधान ने इतने बड़े विशाल विविधताओं से भरे देश को एकता के सूत्र में बांध दिया है | आज 26 जनवरी का दिन भारतीयों के लिए खास नहीं बल्कि बहुत खास है , क्योंकि  इस भारत देश को एकता के सूत्र में बांधने वाला व देश का सर्वश्रेष्ठ विशाल लोकतंत्र स्थापित करने वाला भारत का संविधान लागू हुआ था भारत देश पूरे विश्व में एक सर्वश्रेष्ठ लोकतांत्रिक देश है | यह हमारे देश के लिए गरिमा की बात है , जो हमारे संविधान को एक स्वर्णिम गौरव स्थान प्रदान करता है |
आपकी पहचान है देश का संविधान

हमारे देश में  संविधान में सारे राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांध रखा है आज भारतीयो के लिए एक विशेष दिन है आज हमें अपने संविधान को जानना होगा |  
संविधान में सबसे पहले प्रस्तावना लिखी है , इसका पहला वाक्य है “हम भारत के लोग” दोस्तों या केवल एक वाक्य नहीं बल्कि यह हमारी पहचान बताता है कि भारत में रहने वाला हर एक नागरिक भारतीय और उसे अपनी भारतीयता पर गर्व करना चाहिए जैसा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने भी कहा था “हम पहले भी भारतीय  हैं और बाद में भी भारतीय हैं '' हम भारतीय होने में गर्व करते हैं ना कि हिंदू या मुसलमान होने पर |


यदि आप अपने आप को एक सर्वश्रेष्ठ देशभक्त कहते हैं तो आपको सबसे पहले भारतीय  और बाद में हिंदू या मुसलमान नहीं बल्कि बाद में भी भारतीय बनना पड़ेगा आप देश के सच्चे देशभक्त कहलाते हैं जब  आप अपने आपको भारतीय होने पर गर्व करते हैं यह भारतीयता हमें पूरे देश से जोड़ देती है चाहे वह किसी धर्म जाति या किसी अन्य समुदाय का ही क्यों ना हो
हमें एक सच्चे देशभक्त होने के नाते हमें अपने संविधान को समझना होगा - क्या संविधान कहता है आपके बारे में , कितना सोचा है आपने राष्ट्र के नागरिकों की के बारे में , जितना कि एक भारतीय नागरिक ने  शायद ना सोचा हो


आज हमें हमारे संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यमूल अधिकारों को समझना होगा कि यदि आप एक भारतीय हो तो आप को क्या  अधिकार हैं |
क्या संविधान में वर्णित इन अधिकारों को आप जानते हैं

संविधान द्वारा मूल रूप से सात मूल अधिकार प्रदान किए गए थे-
समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म, संस्कृति एवं शिक्षा की स्वतंत्रता का अधिकार, तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार |

यदि आप देश के नागरिक हो तो आपका क्या कर्तव्य होना चाहिए आपको इन मौलिक कर्तव्यों को जानना होगा | भारतीय नागरिक होने के नाते क्या आप उन मौलिक कर्तव्यों को जानते हैं जो पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधे रखने का काम करते हैं |

संविधान में उल्लिखित मूल कर्तव्य

  1. संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें |
  2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें |
  3. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाए रखें |
  4. देश की रक्षा करें और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें |
  5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित सभी भेदभाव से परे हो ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है |
  6. हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझें और उसका परीक्षण करें |
  7. प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन झील नदी और वन्य जीव  है उनकी रक्षा और संवर्ध्दन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें|
  8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण,  मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें |
  9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे |
  10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में  उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि  की नई ऊंचाइयों को छू ले |
  11. अभिभावकों का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के अवसर दें |



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